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*शहरी यातायात व्यवस्था सुधार को लेकर मंडलायुक्त की बैठक, बिना पार्किंग वाले भवनों पर होगी कार्रवाई*

ब्यूरो चीफ प्रदीप कुमार मौर्या

गोरखपुर। महानगर की बढ़ती यातायात समस्या को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से बुधवार को मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में मंडलायुक्त सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंडलायुक्त ने शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान विशेष रूप से दीपावली और छठ पर्व के समय यातायात व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्य मार्गों, बाजारों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात को व्यवस्थित करने के लिए प्रभावी प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि नो-एंट्री जोन का पालन सख्ती से कराया जाए तथा सड़क किनारे अवैध पार्किंग और ठेले-खोमचे वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने स्पष्ट कहा कि शहर में जिन मल्टीस्टोरी या अपार्टमेंट भवनों में पार्किंग की सुविधा नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, चाहे वे हॉस्पिटल या कॉमर्शियल भवन ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि कई अस्पतालों में बेसमेंट पार्किंग के स्थान पर अन्य गतिविधियां—जैसे मरीज भर्ती करना या अन्य व्यावसायिक कार्य—चलाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह नियमों के विरुद्ध है। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि अगर किसी भी अस्पताल या भवन के बेसमेंट में पार्किंग के अलावा अन्य गतिविधि पाई गई तो उस बेसमेंट को सील कर दिया जाएगा।

डीएम दीपक मीणा ने आगे कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन एक समन्वित योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद जीडीए सभागार में मल्टीस्टोरी भवन मालिकों, अस्पताल संचालकों, बड़े दुकानदारों और व्यापारी नेताओं के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि शहरी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने के ठोस उपाय तय किए जा सकें।

डीएम ने नौका विहार क्षेत्र की स्थिति पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नौका विहार परिसर में जिन दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई हैं, उनके सामने कुछ लोग ठेले और खोमचे लगाकर व्यापार कर रहे हैं, जिससे आवंटन प्राप्त दुकानदारों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने जीडीए को निर्देश दिया कि ऐसे अवैध ठेलों और अस्थाई दुकानों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि अधिकृत दुकानदारों को व्यवस्थित रूप से व्यापार करने का अवसर मिल सके।

बैठक में डीआईजी गोरखपुर रेंज एस. चन्नप्पा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, जीडीए सचिव पुष्प राज सिंह, जीडीए मुख्य अभियंता किशन सिंह, एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट उत्कर्ष श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मंडलायुक्त ने अंत में कहा कि गोरखपुर शहर तेजी से विकसित हो रहा है, ऐसे में यातायात व्यवस्था को वैज्ञानिक और टिकाऊ स्वरूप देना समय की मांग है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि प्रशासन, पुलिस और नगर निगम आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि आने वाले दिनों में गोरखपुर जाम-मुक्त और सुव्यवस्थित यातायात वाला शहर बन सके।


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