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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, कहा किसानों की मदद करे सरकार

खेतों की जुताई के लिए प्रति एकड़ 2000 रुपये सहयोग राशि दे सरकार:अजय कुमार लल्लू

किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ किए जाएँ:अजय कुमार लल्लू

किसानों की गाढ़ी कमाई का भुगतान तत्काल किया जाए:अजय कुमार लल्लू

लखनऊ, 17 मई 2020। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को किसानों के सवालों पर पत्र लिखा है।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पत्र में लिखा है कि इस कोरोना महामारी में किसानों के ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। पूरे देश का पेट भरने वाले किसानों के पास समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। हमारे पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने आपसे पत्र लिखकर किसान भाइयों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिया था। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि उन बिंदुओं पर आपको गंभीरता से तत्काल कार्यनीति तैयार करनी चाहिए ताकि अन्नदाताओं को राहत मिल सके।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि *मैं पुनः आपको आदरणीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी के सुझावों को याद दिलाना चाहता हूँ और किसानों के मसले पर कुछ अन्य सुझाव भी देना चाहता हूँ।*

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि किसानों के लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। किसानों के पास फूटी कौड़ी नहीं है, इस स्थिति में *किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ किए जाएँ।* साथ ही साथ बिल के ऊपर लगने वाला सरचार्ज भी माफ हो।

उन्होंने मांग की किसानों के लोन पर भी *चार महीने का ब्याज माफ हो।* उनके केसीसी तथा अन्य लोन पर कटी हुई आर-सी पर तुरंत रोक लगायी जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए।

अजय कुमार लल्लू ने भेजे गए पत्र में लिखा है कि महामारी के चलते किसानों की गेंहूँ खरीद नहीं हुई, घर घर जाकर फसल खरीद का वादा जुमला साबित हुआ है। जिन किसानों ने गेंहूँ क्रय क्रेंदों पर बेचा उनका भुगतान नहीं हुआ। आप से गुजारिश है कि *गेंहूँ किसानों की गाढ़ी कमाई का भुगतान तत्काल किया जाए। गन्ना किसानों का भी बकाया भुगतान हो।*

उन्होंने मांग की है कि सहकारी समितियों पर बीज और खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

*यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पत्र में कहा है कि सरकार आलू किसानों के *कोल्ड स्टोरेज के भाड़े को सरकार अदा करे* और उचित मूल्य पर आलू खरीद की गारंटी हो। किसानों की *सब्जियों का खेत-खेत जाकर खरीद का प्रावधान किया जाए और उनका हाथों हाथ भुगतान* *किया जाए।*

पत्र के अंत मे उन्होंने लिखा है कि किसान बहुत समस्याओं से घिरा हुआ है। महामारी में वे और ज्यादा लाचार हैं। धान की रोपाई होने वाली है। सरकार की तरफ से *खेतों की जुताई के लिए प्रति एकड़ 2000 रुपये सहयोग राशि मुहैया करवाई जाए।* *किसानों को कुछ राहत मिलेगी।*


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