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शनि जयंती व तृतीय बड़े मंगल का है दुर्लभ संयोग-पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य
गोरखपुर!    कल 27 मई को ज्येष्ठ मास के तृतीय बड़े मंगलवार को ही शनि जयंती का भी दुर्लभ संयोग मिल रहा है जो जनमानस के लिए बहुत ही शुभ एवं कल्याणकारी है! 27 मई दिन मंगलवार को सूर्योदय काल में कृतिका एवं रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग मिल रहा है! हनुमान जी एवं शनि देव जी का आशीर्वाद एक साथ एक ही दिन प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त होगा!
उक्त जानकारी श्री हनुमत् ज्योतिष सेवा संघ के संस्थापक व भारतीय विद्वत् महासंघ के महामंत्री ज्योतिषाचार्य पं बृजेश पाण्डेय ने दी! पाण्डेय जी ने बताया कि न्याय के देवता शनि जी कि जयंती एवं हनुमान जी के ज्येष्ठ मास के तृतीय बड़े मंगल को दोनो देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा! इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी का पूजन-अर्चन करें तत्पश्चात हनुमान चालीसा,बजरंग बाण,सुंदरकाण्ड, श्री हनुमत् कवच आदि का पाठ करें तथा चंदन की माला से ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् का जप करें तत्पश्चात हनुमान जी को फल, बुंदी,चना,चोला इत्यादि अर्पित करें! साथ ही शनि देव जी की पूजा करें शनि देव न्याय के देवता हैं इन्हे सरसों के तेल से स्नान कराना बहुत ही शुभ माना जाता है! समस्त दोषों के शमन हेतु शनि चालीसा,शनि स्तोत्र,दशरथ कृत शनि स्तोत्र तथा ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का सुबह शाम 108 बार जप करना बहुत ही लाभदायक एवं शुभ माना गया है! जयंती के दिन दान-पुण्य करना शुभ फलदायी माना जाता है! इस दिन जरूरतमंदों को काला तिल, काली उड़द, काला वस्त्र, लोहे का सामान,स्टील के बर्तन,कंबल आदि दान करे तथा इस दिन कुत्ते, कौवें, गाय, दिव्यांग,रोगी आदि को भोजन कराने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है. जो भी भक्त गण किसी भी प्रकार के कष्टों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस दिन विशेष करके हनुमान जी एवं शनि देव का पूजन-अर्चन अवश्य करें!
पं. बृजेश पाण्डेय ने बताया कि कि शनि देव ज्येष्ठ मास के अमावस्या को प्रकट हुए थे जो स्वयं हनुमान जी के उपासक थे,इसलिए दोनों देवताओं एक ही दिन का संयोग बहुत ही मंगलकारी एवं संकटमोचन माना जा रहा है! इस दिन गंगा आदि नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है!

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