दुमही में शनिवार को शहीद चंद्रभान चौरसिया के तृतीय पुण्यतिथि समारोह आयोजित
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कुशीनगर।दुमही के सैनिक चंद्रभान चौरसिया ने देश के रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देकर अपना उत्कृष्ट बलिदान दिया। इसे सदियों तक याद रखा जाएगा। युवा चंद्रभान से प्रेरणा लेकर देशसेवा के लिए तत्पर रहें। यह बातें दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही में शनिवार को आयोजित शहीद चंद्रभान चौरसिया के तृतीय पुण्यतिथि समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते कुशीनगर महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष विनय राय ने कहा कि देश के लिए चंद्रभान का उत्कृष्ट बलिदान सदियों तक याद रखा जाएगा। युवा चंद्रभान से प्रेरणा लेकर देशसेवा के लिए तैयार रहें। विशिष्ट अतिथि व बसपा मु. इलियास अंसारी ने कहा कि सैनिक होना सबसे श्रेष्ठ है। शहीद चंद्रभान ने देश के लिए अपनी शहादत दी। बसपा नेता ने बलिदानी की प्रतिमा की स्थापना के लिए कुशीनगर महोत्सव आयोजन समिति को धन्यवाद दिया। जिला पंचायत सदस्य राजन शुक्ल ने कहा कि आतंकवादियों से लोहा लेने व देश की सीमा की सुरक्षा में तैनात चंद्रभान अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए शहीद हुए। शिक्षक सुनील तिवारी सुमन, पारसनाथ सिंह, आरती गुप्ता, कवि दिनेश तिवारी, संजय सिंह, जिला स्काउट प्रशिक्षक अजय निगम, भाजपा नेता जितेंद्र गुप्ता आदि ने सभा को संबोधित किया। इसके पूर्व सूर्य से शहीद तक मशाल यात्रा में शामिल 50 धावक समाधिस्थल पर पहुंचे। यहां मौजूद मशाल प्रज्वल्लित की गई व सैल्यूट व राष्ट्रगान के उपरांत शहीद को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गायक अजय कुमार गिरी ने बलिदानी के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया। अध्यक्षता प्रधान रामचंद्र राय ने की तथा संचालन राजन सिंह ने किया। वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में शहीद मेघनाथ महतो के पुत्र प्रयागनाथ खरवार को सम्मानित किया गया। इस दौरान शहीद के पिता राजबलम चौरसिया, पत्नी पिंकी चौरसिया, पुत्रगण आयुष व आर्यन, स्काउट के जिला प्रशिक्षण आयुक्त एमडीआई खान, जिला प्रशिक्षक जेपी रावत, अजय, प्रिंस पांडेय, सत्येंद्र उर्फ बबलू तिवारी, उपेंद्र आर्य, राजकुमार गुप्ता, विनोद शर्मा, हरख यादव, सुरेंद्र गुप्ता, प्रिंस शुक्ल, उमेश आर्य, केदार राय, आरती गुप्ता, सरिता निषाद आदि मौजूद रहे।
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सेवरही थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दुमही निवासी चंद्रभान चौरसिया वर्ष 2020 में 14 जनवरी को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के मच्छल सेक्टर में सीमा की रक्षा करते समय हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।