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पटना। राज्य सरकार ने अकादमिक सत्र 2019-20 के कक्षा पहली से नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के सभी छात्रों को बिना वार्षिक परीक्षा के अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया है। बिहार सरकार ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों और हेड मास्टरों को भेजे अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने और लॉकडाउन के चलते 13 मार्च से 14 अप्रैल तक स्कूल बंद हैं। ऐसे में परीक्षाएं आयोजित करना संभव नहीं है। इससे पहले यूपी, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य पहली से 8वीं तक के बच्चों को अगली कक्षा में भेजने का फैसले चुके हैं।

CBSE बोर्ड व ICSE बोर्ड भी 8वीं तक के स्टूडेंट्स को अगली क्लास में प्रमोट करने का फैसला ले चुका है। सीबीएसई ने 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स को असाइनमेंट, इंटर्नल एग्जाम व प्रोजेक्ट्स के आधार पर पास करने को कहा है।

हड़ताली में नहीं शामिल शिक्षकों को मार्च का वेतन

समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत करीब ढाई लाख शिक्षकों के मार्च के वेतन का पैसा शिक्षा विभाग ने बुधवार को जारी कर दिया। इनके वेतन पर 802 करोड़ 74 लाख 55 हजार 475 रुपए खर्च होंगे। इनमें से समग्र शिक्षा मद के 273 करोड़ 50 लाख 42 हजार रुपए 30 मार्च को ही जिलों को उपलब्ध करा दिये गए थे। शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने कहा कि जो शिक्षक हड़ताल में नहीं हैं, उन्हें मार्च माह का पूर्ण वेतन तथा हड़ताल से लौटने वाले शिक्षकों को उनकी वापसी की तिथि से दी जाएगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन 7 अप्रैल के आदेश के आलोक में जिलों को यह निर्देश दिया गया है।

वेतन नहीं मिला तो लॉकडाउन तोड़ेंगे शिक्षक

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 52 वें दिन भी जारी रही। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर तीन दिनों में जनवरी का वेतन नहीं मिलेगा तो वे लॉकडाउन तोड़ देंगे। समिति के राज्य संयोजक बृजनंदन शर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन के आदेश के बाद भी पटना समेत ज्यादातर जिलों में शिक्षकों को जनवरी माह का भी वेतन भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि वेतन नहीं मिलने एवं गंभीर दंडात्मक कार्रवाई के कारण 15 शिक्षकों को ब्रेन हेमरेज एवं अचानक हार्ट अटैक हो गया। बावजूद बिहार सरकार के कान पर अब तक जूं तक नहीं रेंग रहा है। यह बिहार सरकार का शिक्षकों के प्रति असहिष्णुता पूर्ण छवि का द्योतक है। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अगर तीन दिनों के अंदर हड़ताली नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह का वेतन भुगतान नहीं किया जाता है तो मजबूरन लॉकडाउन तोड़कर शिक्षक डीईओ और डीपीओ के कार्यालय को घेर लेंगे। वे तब तक धरना पर बैठे रहेंगे जबतक वेतन का भुगतान नहीं हो जाए।


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