कुशीनगर में पुलिस के पिटाई से घायल कि मौत का मामला प्रकाश में आया है
– धरना देने के बाद पुलिस ने शव को पीएम को भेजा
– सिंघम के नाम से चर्चित एसआई पर लगाया जा रहा आरोप
– तरयासुजान थाने के तमकुहीराज पुलिस चौकी का मामला
– मृतक के परिजनों से समझें पूरा मामला, क्या है उनका आरोप
रिपोर्टर। अजहरुद्दीन अंसारी
कुशीनगर।मृतक के परिजनों के अनुसार 16 जून 20 को तरयासुजान थाने के गांव गौरी नरोत्तम में हसमुद्दीन अंसारी का गांव में विवाद हुआ था। विपक्षी के प्रभाव में तमकुहीराज पुलिस चौकी के प्रभारी राकेश रोशन सिंह का. ब्रजेश विश्वकर्मा के साथ गौरी नरोत्तम गांव पहुँच मृतक हसमुद्दीन अंसारी को पुलिस चौकी लाकर बुरी तरह पीटा। पहले गांव में पट्टीदारों फिर पुलिस चौकी में पुलिस की बुरी तरह पिटाई से मृतक बुरी तरह घायल हो गया। फिर डॉक्टरी करा तरयासुजान थाने पहुँचा, लेकिन वहां उसका पक्ष सुने बिना ही उसे भगा दिया गया।
पुलिस द्वारा थाने से भगाये जाने के बाद मृतक इलाज कराने चला गया और रजिस्टर्ड डाक से उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए कार्यवाही की मांग किया था। लेकिन…..?
न्याय न मिलने पर मृतक न्यायलय के शरण में पहुँच तमकुहीराज पुलिस चौकी के प्रभारी राकेश रोशन सिंह एवं का. ब्रजेश विश्वकर्मा पर बुरी तरह मारने पीटने का आरोप लगाते हुए 156-3 के तहत वाद दाखिल किया।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस के पिटाई के चलते मृतक खड़ा नही हो पा रहा था, अंदर चोट इतनी गहरी थी कि 23 जुलाई 20 को उसकी मौत हो गयी।
24 जुलाई को परिजन शव के साथ शव का पीएम कराने व दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धरने पर बैठ गये।
पुलिस ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए शव को पीएम को भेजने पर राजी हुई, जिसके बाद परिजन माने।
मृतक ने पुलिस पर पैसा छिनने का आरोप भी न्यायलय में अपने दाखिल वाद में लगाया गया है।
अब क्षेत्र में चर्चा यह है कि जब पुलिस के पिटाई से मौत का मामला है तो इस पीड़ित परिवार को न्याय मिल पायेगा। लोग कारण भी गिना रहे। जबकि कुछ लोग यह भी कह रहे योगी सरकार में दोषी जो भी होगा वह कार्यवाही से बच नहीं पायेगा।
अब देखना यह है कि भरोसा किसका जिंदा रहता है। कुछ लोगों का मानना है कि मामला पुलिस से जुड़ा है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। फिर भी लोगों को पुलिस अधिकारियों पर न्याय को लेकर पूरा भरोसा है।
उधर पुलिस मृतक को लेकर कुछ और ही कहानी बता रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक शराबी था, मृतक कई रोगों से ग्रसित था।
पर एक बात समझ में नहीं आ रही अगर मृतक बीमार था तो उसे पुलिस चौकी पर लाकर बुरी तरह पीटने की क्या जरूरत थी।
खैर जो भी हो अगर मामले का ईमानदारी से जांच हुआ तो सबकुछ आईने के तरह साफ हो जाएगा, की कौन झूठ बोल रहा और कौन कहानी बना रहा।