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भगवान बुद्ध ने कहा था शान्ती प्रदान करे

भन्ते नन्दरतन कुशीनगर श्री लंका मन्दिर

कुशीनगर जिले में कोरोना वायरस को लेकर कुशीनगर में भगवान बुद्ध की पुष्पतिथि के अवसर पर आयोजित भगवान गौतम बुद्ध को श्रद्धाँजलि अर्पित करते हुए कहा कि बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक है। गौतम बुद्ध ने हमें विश्व को शांति का संदेश दिया था कुशीनगर के श्री लंका मन्दिर के भन्ते ने कहा कि भगवान बुद्ध जी ने कहा था कि एक पल एक दिन को बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन इस दुनिया को बदल सकता है। भगवान गौतम बुद्ध का संदेश था कि क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थी को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता हैं भगवान बुद्ध के धम्मपद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दू धर्म में गीता को जो स्थान है, बौद्ध धर्म में वही स्थान धम्मपद का है। गीता जिस प्रकार महाभारत का एक अंश है, उसी तरह धम्मपद सुत्त पिटक के खुद्क निकाय का एक अंश है। भन्ते ने कहा कि दुनिया को अपने विचारों से नया रास्ता दिखाने वाले भगवान गौतम बुद्ध भारत के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरू, एक महान समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे, बुद्ध की शादी यशोधरा के साथ हुई, इस शादी से एक बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम राहुल रखा गया था, लेकिन विवाह के कुछ समय बाद गौतम बुद्ध ने अपनी पत्नी और बच्चे को त्याग दिया। वे संसार को जन्म, मरण और दुखों से मुक्लि दिलाने के मार्ग की तलाश व सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात के समय अपने राजमहल से जंगल की ओर चले गये थे, बहुत सालों की कठोर साधना के बाद बोध गया (बिहार) में बोधी वृद्ध के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से गौतम बुद्ध बन गये। भगवान गौतम बुद्ध की वह वाणी आज और भी प्रासंगिक हो जाती है जब वह यह कहा करते थे कि शरीर को स्वस्थ रखना हमारा परम कर्तव्य है, वरना हम अपने दिमाग को मजबूत और स्वच्छ नहीं रख पायेंगे। देश आज कोरोना जैसी महामारी से गुजर रहा है, हम कोरोना जैसी महामारी पर विजय पा सकें

कुशीनगर जिले से ब्युरो मोहन वर्मा की रिपोर्ट


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