रिपोर्ट – प्रदीप कुमार मौर्य
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की इस महामारी के संकट स उभरने के लिए इस संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस संक्रमण से निपटने के लिए अब गैस सिलिंडरों को भी सैनिटाइज्ड किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान लोग सामाजिक दूरी बनाने के साथ ही वस्तुओं के आदान प्रदान में भी काफी सतर्कता और सावधानी बरतने लगे हैं। रसोई गैस सिलिंडर भी इससे अछूता नहीं है। घरों में गैस डिलीवर होने के बाद लोग इसे साफ करने के बाद ही किचन में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन लोगों को अब यह नहीं करना होगा।
*सिलिंडरों का सैनिटाइजेशन करना*
देश में पेट्रोलियम कंपनियों ने अपने ग्राहकों तक सैनिटाइज्ड सिलिंडर पहुंचाना शुरू किया है।
कंपनियों ने बॉटलिंग प्लांटों में भी खास व्यवस्था की है। इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकलने के लिए लोग दूरी बनाने के साथ ही अन्य लोगों से प्राप्त होने वाली वस्तुओं को साफ सुथरा कर रहे हैं।
कोरोना वायरस का प्रभाव रोकने के लिए पेट्रोलियम कंपनियों, बीपीसी, आईओसी और एचपीसी, ने भी बॉटलिंग प्लांटों पर विशेष व्यवस्था कर सिलिंडरों का सैनिटाइजेशन करना शुरू कर दिया है। इसके तहत बॉटलिंग प्लांटों में सिलिंडरों का चार स्तर में सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। परसाखेड़ा स्थित बॉटलिंग प्लांट प्रबंधन ने यह काम शुरू भी करा दिया है।
*ये हैं चार स्तर*
पहले स्तर पर खाली आने वाले सिलिंडर एंट्री गेट पर ही सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल से स्प्रिंकलर के जरिए सैनिटाइज किए जा रहे हैं। इसके बाद फिर अनलोडिंग होने पर स्प्रे हो रहा है।
तीसरे स्तर पर वॉशिंग प्लांट में उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है। सिलिंडर भरने के बाद निकासी के समय गेट पर घोल का चौथी बार स्प्रे होता है।
इस तरह चार स्तरों पर सिलिंडर सैनिटाइज किए जा रहे हैं।
*तीन सिलिंडर कनेक्शन धारकों को मुफ्त*
इसके साथ ही उज्ज्वला रसोई गैस 30 जून तक तीन सिलिंडर कनेक्शन धारकों को मुफ्त दिए जाने हैं, इससे मांग बढ़ेगी। इसलिए प्लांट तीन शिफ्ट में चलाने के लिए अनुमति मांगी गई है। तीन शिफ्टों में प्लांट चलने पर प्रतिदिन 35-37 हजार बॉटलिंग होने लगेगी।