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जीएसटी की मार!

जीएसटी काउंसिल की 47 वीं दो दिवसीय बैठक में कई अहम फैसले – नई दरें 18 जुलाई 2022 से लागू

आम आदमी की ज़रूरत से जुड़ी कई वस्तुओं सेवाओं पर टैक्स बढ़ाने के फैसले से महंगाई में वृद्धि होने की संभावना – एड किशन भावनानी

गोंदिया – कोविड-19 महामारी की भयंकर त्रासदी से कुछ हद तक राहत पाने के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ सख्त कदम कुछ राहतें देने कोविड के बाद छह माह के अंतराल पर यह दूसरी और जीएसटी की 47 वीं दो दिवसीय बैठक 28 – 29 जून 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में संपन्न हुई जिसमें जीओएम की चार सिफारिशों पर भी चर्चा हुई जिसमें कई बड़े निर्णय हुए। पीआईबी द्वारा सिफारिशों की जो सूची जारी की गई है उसका अध्ययन करने पर हम देखेंगे के अधिकतम दरों में इजाफा किया गया है याने 5 से 12 फ़ीसदी और 12 से 18 फ़ीसदी और कुछ नए माल, सेवाओं पर पांच फ़ीसदी से 12 फ़ीसदी कर लगाया गया है!! इन बढ़ी हुई दरों का सीधा सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा जो स्वाभाविक रूप से हम समझ सकते हैं। परंतु लंबे समय से चल रहे मुद्दे कसीनो, लाटरी, ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ जैसे मामलों में 28 फ़ीसदी जीएसटी लगाने का मामला फिर टाल दिया गया है और मंत्री समूह से इसपर फिर से विचार कर 15 जुलाई तक रिपोर्ट देने को कहा गया है और अब अगली बैठक 1 अगस्त 2022 को होने का अनुमान है।
साथियों बात अगर हम महंगी होने वाली वस्तुओं की करें तो अनेक वस्तुओं, सेवाओं को नए सिरे से टैक्स के दायरे में लाया गया है और कुछ सेवाओं को 5 से बढ़ाकर 12फ़ीसदी के दायरे में कुछ को12 से 18 फ़ीसदी के दायरे में लाया गया है जिससे आम जनता की जेब पर असर पड़ेगा याने पीआईबी की सूची के अनुसार, जिन वस्तुओं पर दरें बढ़ाई गई हैं, उनमें प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले आटा और चावल शामिल हैं। भले ही वो गैर-ब्रांडेड क्यो न हों, उनपर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा, इसके अलावा मीट, मछली, दही, पनीर और शहद जैसे प्री-पैक्ड और लेबल्ड खाद्य पदार्थों पर भी इसी दर से टैक्स लगेगा यानी ये सभी खाद्य पदार्थ अब महंगे होने जा रहे हैं, इसके अलावा गुड़, विदेशी सब्जियां, अनरोस्टेड कॉफी बीन, अनप्रोसेस्ड ग्रीन टी, व्हीट ब्रान और राइस ब्रान को भी छूट से बाहर रखा गया है। नई दरें 18 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगी।
साथियों, सोलर वॉटर हीटर, फिनिश्ड लेदर पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, बिजली से चलने वाले पंप, डेयरी मशीनरी को 12 फीसदी के दायरे से बढ़ाकर अब 18 के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा अनाज की मिलिंग मशीनरी पर टैक्स 5 सदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया गया है।अब बजट होटल में रहना महंगा हो जाएगा, दरअसल, एक हज़ार रुपये प्रति दिन से कम के होटल के कमरों पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा, फिलहाल ऐसे कमरे कर मुक्त श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा बैठक में चेक जारी करने के लिए बैंक द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क पर भी 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
साथियों, बात अगर हम टैक्स में राहत से आम आदमी को सुविधाओं की करें तो बैठक में असंगठित क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छोटे ऑनलाइन कारोबारियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण को माफ करने पर सहमति व्यक्त की है। कानून में बदलाव 1 जनवरी, 2023 से लागू किए जाएंगे। काउंसिल के मुताबिक, इस फैसले से लगभग 1.2 लाख़ छोटे व्यापारियों को फायदा होगा।बैठक मेंकंपोजीशन डीलरों को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से इंट्रास्टेट आपूर्ति करने की भी अनुमति दी गई। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में रोपवे पर जीएसटी दर में कटौती को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद माल ढुलाई सस्ता होने की संभावना है। इसके अलावा ईंधन लागत सहित माल ढुलाई को किराए पर देने और टूर पैकेज के विदेशी कंपोनेंट्स को जीएसटी से छूट देने पर भी सरकार की ओर से राहत देने का फैसला लिया गया है। काउंसिल ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से कम किया जाए।
साथियों, आर्थोपेडिक उपकरण स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, अन्य उपकरण जो किसी दोष या अक्षमता के बदले पहने या ले जाए जाते हैं या शरीर में प्रत्यारोपित किए जाते हैं और इंट्राओकुलर लेंस पर अब 12 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया गया है।
डिफेंस आइटम, प्राइवेट संस्था या वेंडर द्वारा स्पेशल इंपोर्टेड डिफेंस आईटम पर जीएसटी से छूट मिलेगी। लेकिन यह छूट तब मिलेगी जब इंड यूजर डिफेंस फोर्सेज होंगी। अस्पताल के बिस्तर, अस्पताल द्वारा प्रति रोगी प्रति दिन पांच हज़ार रुपये से अधिक के कमरे के किराये (आईसीयू को छोड़कर) पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया गया है।
जीएसटी परिषद की सिफारिशों को इस विज्ञप्ति में प्रस्तुत किया गया है जिसमें सभी हितधारकों की जानकारी के लिए सरल भाषा में निर्णयों के प्रमुख विषय शामिल हैं। इसे प्रासंगिक परिपत्रों/अधिसूचनाओं/कानून संशोधनों के माध्यम से प्रभावी किया जाएगा, जिनमें एकांकी रूप से कानूनी शक्ति प्रदान की जाएगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी की मार जनता पर भार!!!जीएसटी की 47 वीं दो दिवसीय बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। नई दरें 18 जुलाई 2022 से लागू होगी आम आदमी की जरूरत से जुड़ी कई वस्तुओं सेवाओं पर टैक्स बढ़ाने के फैसले से महंगाई में वृद्धि होने की संभावना है।

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*


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