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मनाई गई लेखक की जयंती , दर्जनों पुस्तक के लेखन किये थे डॉक्टर फणीश सिंह।

कौमी एकता संदेश के सम्पादक रहे, विदेशों में की है शोध।

रिपोर्ट:- राजीव रंजन कुमार।

सिवान-: जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के नरेन्द्रपुर गांव में लेखक डॉक्टर फणीश सिंह की व्यक्तित्त्व व कृतित्व पर शुक्रवार को प्रकाश डाला गया।इनकी जयंती तीन दिसम्बर को थी इस मौके पर परिवर्तन संस्था के व्यवस्थापक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टर फणीश सिंह दर्जनों पुस्तक का लेखन किये तथा कौमी एकता संदेश के संपादक रहे।उनका जन्म 3 दिसम्बर 1941 को ग्राम नरेन्द्रपुर जिला सिवान में हुआ था। आगे उन्होंने बताया कि 15 वर्ष की आयु में प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन से ‘विशारद ‘की परीक्षा पास की ततपश्चात एम .ए ,बी .एल करने के बाद पटना उच्च न्यायलय में 1967 से वकालत आरम्भ की।अपने छात्र जीवन से ही हिंदी से अनुराग था और इनके अनेक लेख पत्र -पत्रिकायें प्रकाशित हुए।आगे सुनील सिंह ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधि के रूप में 19 83 में मास्को और 1986 में कोपेनहेगन विश्व -शांति सम्मेलन में शामिल हुए थे तथा अखिल भारतीय शांति परिषद के सदस्य के रूप में चीन की भी यात्रा की।मौके पर उपस्थित वरीय अधिवक्ता मनीष प्रसाद सिंह ने बताया कि फणीश बाबू 5 महाद्विपों के 65 देशों की यात्रा कर चुके थे जिसमें सारा यूरोप ,अमेरिका ,जापान आदि शामिल है।आगे उन्होंने बताया कि भारतीय ज्ञानपीठ ,राजकमल प्रकाशन एवं वाणी प्रकाशन से इनकी एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रशकित हुई है तथा भारतीय सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद के सलाहकार समिति के सदस्य ए आई पी एस ओ के बिहार राज्य परिषद के महासचिव और राज्य की अनेक सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारी तथा ‘कौमी एकता संदेश के संपादक थे।इस मौके सुड्डू सिंह , डॉक्टर अजित सिंह पूर्व मुखिया संजीव कुमार उर्फ मुन्ना सिंह,उपेंद्र कुमार सेतीका सिंह आदि सभी ने अपना विचार व्यक्त किया।


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